Kundli Kaise Dekhe

Kundli Kaise Dekhe : आज के इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे कोई व्यक्ति अपनी खुद की कुंडली को पढ़ सकता है। जब कोई ज्योतिषी आपकी कुंडली खोलता है, तो वह किन महत्वपूर्ण बिंदुओं को देखता है और कैसे सटीक भविष्यवाणी करता है।

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ज्योतिष का महत्व

एक प्रसिद्ध कहावत है: “Millionaires don’t believe in astrology, but billionaires do.” – J.P. Morgan

हर सफल व्यक्ति ने कहीं न कहीं ज्योतिष के ज्ञान का सहारा लिया है। ज्योतिष एक विज्ञान है, जिसका लाभ कोई भी व्यक्ति उठा सकता है।

ज्योतिष क्या करता है?

  • ज्योतिष रातोंरात किसी को अमीर नहीं बनाता।
  • यह आपको सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद करता है।
  • यह एक शक्ति है, जो आपके जीवन को सही दिशा में ले जाने में सहायक होती है।

कुंडली को समझने के लिए क्या चाहिए?

अगर आप अपनी कुंडली पढ़ना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपनी जन्म कुंडली चाहिए।

  1. पहले से उपलब्ध कुंडली: यदि आपके पास आपकी कुंडली है, तो उसे निकाल लें।
  2. ऑनलाइन कुंडली: अगर आपके पास नहीं है, तो ऑनलाइन गूगल पर “Free Kundli Software” सर्च करें और वहां से अपनी कुंडली प्राप्त करें।

अब जब आपके पास कुंडली है, तो हम इसे समझना शुरू करते हैं।

कुंडली के मुख्य तत्व

कुंडली को समझने के लिए तीन मुख्य तत्व होते हैं:

  1. बारह भाव (12 Houses)
  2. नौ ग्रह (9 Planets)
  3. बारह राशियां (12 Zodiac Signs)

1. बारह भाव (12 Houses)

कुंडली में 12 घर होते हैं, जो अलग-अलग जीवन क्षेत्रों को दर्शाते हैं। कुंडली हमेशा एंटी-क्लॉकवाइज दिशा में पढ़ी जाती है।

भावमहत्व
1stलग्न भाव (व्यक्तित्व)
2ndधन भाव (धन और परिवार)
3rdपराक्रम भाव (साहस, भाई-बहन)
4thसुख भाव (घर, माता)
5thशिक्षा भाव (बुद्धि, संतान)
6thरोग भाव (स्वास्थ्य, शत्रु)
7thविवाह भाव (संबंध, जीवनसाथी)
8thअष्टम भाव (आयु, रहस्य)
9thभाग्य भाव (धर्म, यात्रा)
10thकर्म भाव (करियर, पिता)
11thलाभ भाव (लाभ, मित्र)
12thव्यय भाव (खर्च, मोक्ष)

2. नौ ग्रह (9 Planets)

ग्रहमहत्व
सूर्यआत्मा, आत्मविश्वास
चंद्रमामन, भावनाएं
मंगलऊर्जा, साहस
बुधबुद्धि, संचार
गुरुज्ञान, शिक्षा
शुक्रप्रेम, सौंदर्य
शनिकर्म, न्याय
राहुभौतिक इच्छाएं
केतुआध्यात्मिकता

3. बारह राशियां (12 Zodiac Signs)

राशियों को उनके क्रम में याद रखना बहुत जरूरी है।

  1. मेष (Aries)
  2. वृषभ (Taurus)
  3. मिथुन (Gemini)
  4. कर्क (Cancer)
  5. सिंह (Leo)
  6. कन्या (Virgo)
  7. तुला (Libra)
  8. वृश्चिक (Scorpio)
  9. धनु (Sagittarius)
  10. मकर (Capricorn)
  11. कुंभ (Aquarius)
  12. मीन (Pisces)

इन राशियों को क्रम में याद करना जरूरी है क्योंकि इनका सीधा संबंध घरों से होता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई पूछे कि “5वीं राशि कौन सी है?”, तो आपको तुरंत जवाब देना चाहिए “सिंह राशि”।

कुंडली पढ़ने के लिए महत्वपूर्ण नियम

  1. कुंडली में 12 घर होते हैं।
  2. 9 ग्रह इन घरों में स्थित होते हैं।
  3. 12 राशियां इन घरों से जुड़ी होती हैं।
  4. कुंडली हमेशा एंटी-क्लॉकवाइज पढ़ी जाती है।
  5. घर नंबर रोमन अंकों (I, II, III…) में लिखा जाता है।
  6. राशि नंबर (1-12) सामान्य अंकों में लिखा जाता है।

निष्कर्ष

ज्योतिष का ज्ञान आपको अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद कर सकता है। कुंडली को समझने के लिए:

  • अपने जन्म विवरण के आधार पर कुंडली प्राप्त करें।
  • 12 भाव, 9 ग्रह, और 12 राशियों को अच्छे से समझें।
  • कुंडली को एंटी-क्लॉकवाइज दिशा में पढ़ें।
  • घरों, ग्रहों, और राशियों के संबंध को समझें।

अगर आप ज्योतिष में रुचि रखते हैं, तो नियमित अभ्यास करें और अपनी कुंडली पढ़ने की कला को निखारें।

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